उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सहस्त्रताल ट्रैक में नौ ट्रैकर्स की मौत हुई है। एसडीआरएफ इनमें से चार ट्रैकर्स के शव लेकर गुरूवार को लौट आई है। यह सभी बेंगलुरू के बताए जा रहे हैं।
बता दें सहस्त्रताल ट्रैकिंग के दौरान मौसम ख़राब होने के चलते 22 सदस्यीय दल में से नौ ट्रैकरों की मौत हो गई। जबकि 13 ट्रैकरों को सुरक्षित निकाला गया है। हादसे पर मुख्यमंत्री ने भी दुःख जताया है। रेस्क्यू ऑपरेशन ख़त्म हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि सहस्त्रताल ट्रैक पर मौसम बिगड़ने से हुए हादसे में 9 ट्रैकर्स की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन करके 13 ट्रैकर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया है। भगवान से दिवंगतों की आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
बता दें 29 मई को 22 सदस्यीय दल मल्ला.सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए थे। वहां अचानक मौसम खराब होने और कोहरा होने के कारण ट्रैकर वहीं फंस गए। जिस वजह से सभी को पूरी रात ठंड में बितानी पड़ी। बुधवार को एसडीआरएफ की टीम चार दावों को लेकर पहुंची थी।
जबकि गुरुवार को एसडीआरएफ की टीम चार शवों को लेकर भटवाड़ी पहुंची। मरने वालों में आशा सुधाकर 71 वर्ष निवासी बैंगलोर, सिन्धु 45 निवासी बैंगलोर, सुजाता 51 निवासी बैंगलोर, विनायक 54 निवासी बैंगलोर, चित्रा परिणीथ 48 निवासी बैंगलोर, वेंकटेश प्रसाद 53 निवासी बैंगलोर, पदमांधा कृष्णमूर्ति 50 निवासी बैंगलोर, अनिता रंगप्पा 60 निवासी बैंगलोर, पद्मिनी हेगड़े 34 निवासी बैंगलोर शामिल हैं।



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