उत्तराखंड- संकाय सदस्यों की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों को मिली ताकत

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उत्तराखंड सरकार ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में विभिन्न संकायों में एक दर्जन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। यह नियुक्तियां संविदा के आधार पर की गई हैं ताकि मेडिकल छात्रों की पढ़ाई और प्रशिक्षण प्रभावित न हो, साथ ही अस्पतालों में आम जन को बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जा सके।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती को लेकर राज्य सरकार ने कदम उठाया है। राज्य सरकार का उद्देश्य सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों के सभी पदों को भरना है, ताकि मेडिकल छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण मिल सके। इसके लिए हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में एक साक्षात्कार समिति का गठन किया गया है, जो वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन कर रही है।

साक्षात्कार समिति द्वारा चयनित विशेषज्ञ चिकित्सकों में से आधे चिकित्सक दून मेडिकल कॉलेज और आधे हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में नियुक्त होंगे। दून मेडिकल कॉलेज में प्लास्टिक सर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में डॉ. आकाश सक्सेना, ऑब्स एंड गायनी विभाग में डॉ. नेहा कचरू, रेडियो डाग्नोसिस विभाग में डॉ. राहुल कुमार सिंह, एनेस्थिसिया विभाग में डॉ. विजिता पाण्डेय, बर्न यूनिट में मेडिकल ऑफिसर के रूप में डॉ. राजदीप बिन्द्रा और इमरजेंसी मेडिसिन में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के रूप में डॉ. नवजोत का चयन हुआ है।

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी विभाग में डॉ. प्रज्ञा सक्सेना, एनेस्थिसिया विभाग में डॉ. शैलेश कुमार लोहनी, कम्युनिटी विभाग में डॉ. शालिनी शर्मा, पीडियाट्रिक्स में डॉ. राजन मोहन, फिजियोलॉजी में डॉ. संध्या एम., और ऑर्थोपेडिक्स विभाग में डॉ. आकाशदीप सिंह का चयन किया गया है।

इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति तीन वर्षों के लिए संविदा पर की गई है, या फिर नियमित नियुक्ति होने तक, जो भी पहले हो। इस नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों को नई ताकत मिलेगी, जिससे छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त होगा।

बयान
“राजकीय दून और हरिद्वार मेडिकल कॉलेजों में एक दर्जन और विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति से न केवल चिकित्सा छात्रों को उच्चस्तरीय शिक्षा मिलेगी, बल्कि कॉलेजों में रिसर्च और क्लीनिकल सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।” – डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।